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स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम:-

महाविद्यालय में कला एवं वाणिज्य संकाय के अध्यापन की व्यवस्था है तथा पाठ्यक्रम राजस्थान विश्वविधालय, जयपुर द्वारा निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप है।

अनिवार्य विषय
  • सामान्य हिन्दी
  • सामान्य अंग्रेजी
  • प्रारम्भिक कम्प्यूटर अनुप्रयोग
  • पर्यावरणीय अध्ययन

कला संकाय

बी.ए. पार्ट प्रथम

वैकल्पिक विषय
  • हिन्दी साहित्य
  • राजनीति विज्ञान
  • अंग्रेजी साहित्य
  • भूगोल
  • अर्थशास्त्र
  • लोकप्रशासन
  • समाजशास्त्र
  • गृहविज्ञान
  • दर्शनशास्त्र
  • इतिहास
  • संस्कृत
  • मनोविज्ञान

वाणिज्य संकाय

बी.काॅम. पार्ट प्रथम

वैकल्पिक विषय
  • लेखा तथा व्यावसायिकी सांख्यिकी (ABST )
  • सांख्यिकी (Statistics)
  • व्यावसायिक प्रशासन (Buss. Admn.)
  • आर्थिक प्रशासन तथा वित्तीय प्रबंध (EAFM)
  • अर्थशास्त्र (Econoimcs)

विज्ञान संकाय

बी.एस.सी. पार्ट प्रथम

वैकल्पिक विषय
  • गणित
  • भौतिक विज्ञान
  • रसायन विज्ञान
  • वनस्पति विज्ञान
  • प्राणी विज्ञान

प्रवेश सम्बन्धी नियम

1. महाविद्यालय में प्रत्येक संकाय/विषय में जितनी छात्राओं की सीटे निष्चित है उतने ही स्थानो पर प्रवेश देय होगा।

2. प्रवेश प्राप्त करने के लिए आवेदन, निर्धारित आवेदन पत्र पर ही जो पुस्तिका के साथ संलग्न है, करना होगा। प्रवेश नहीं मिलने की दशा में आवेदन-पत्र लौटाया नहीं जाएगा।

(I) महाविद्यालय की विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश विश्वविधालय द्वारा निर्धारित तिथियों के अनुसार प्रारम्भ होगा। प्रवेश लेते समय छात्रा अपना आवेदन-पत्र पर सभी आवश्यक प्रपत्रों के साथ प्रस्तुत करेगी। जिन कक्षाओं के परीक्षा परिणाम प्रवेश प्रारम्भ होने की तिथि तक घोषित नहीं होते है वह छात्रा काॅलेज शिक्षा निदेषालय के नियमों के अनुसार अपने आवेदन-पत्र प्रवेश हेतु प्रस्तुत कर सकेंगी।

(II) अपूर्ण अथवा निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त आवेदन-पत्रों पर विचार नहीं किया जायेगा।

3. प्रवेशार्थी आवेदन-पत्र भरते समय निम्नलिखित मूल प्रमाण-पत्र एवं सत्यापित प्रतिलिपियाँ संलग्न करेंगे:

(I) प्रथम वर्ष की छात्राओं का, जिन्होंने अन्तिम परीक्षा किसी अन्य शिक्षण संस्था से नियमित छात्रा के रूप में उत्तीर्ण की है:

(a) अन्तिम संस्था के स्थानांतरण प्रमाण-पत्र की मूल प्रति।

(b) उच्च माध्यमिक उत्तीर्ण परीक्षा की मूल अंकतालिका एवं दो सत्यापित प्रतिलिपि।

(c) मूल चरित्र प्रमाण-पत्र

(d) सैकण्डरी परीक्षा की अंकतालिका की सत्यापित प्रतिलिपि।

(e) राजस्थान विश्वविधालय क्षेत्र के बाहर से आने वाले प्रवेशार्थीयों को मूल प्रवजन प्रमाण-पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।

(f) यदि प्रवेशार्थी ने पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लिया है तो उनके प्रमाण-पत्र की प्रमाणित प्रतिलिपियां संलग्न करे।

नोट:- यदि किसी छात्रा को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की पूरक परीक्षा में बैठना है या उसे महाविद्यालय में प्रवेश के पश्चात् अपनी अंकतालिका की प्रतिलिपि की आवश्यकता होती है तो उसे अपनी मूल अंकतालिका की प्रमाणित प्रतिलिपि करा कर अपने पास रख लेनी चाहिए। कार्यालय में मूल अंकतालिका जमा होने पर उसे नामाकंन के लिए विश्वविधालय से वापस आने पर ही लौटाई जायेगी।

(II) उन प्रवेशार्थीयों को, जिन्होने अन्तिम परीक्षा स्वयंपाठी छात्रा के रूप में उत्तीर्ण की है

(a) अन्तिम उत्तीर्ण परीक्षा की मूल अंकतालिका एवं दो-दो सत्यापित प्रतिलिपिया।

(b) सैकण्डरी परीक्षा की अंकतालिका की सत्यापित प्रतिलिपि।

(c) दो सम्मानित व्यक्तियों द्वारा दिया गया चरित्र प्रमाण-पत्र जो 3 माह से अधिक पुराना न हो (प्रमाण-पत्र देने वाले व्यक्ति छात्रा के सम्बन्धी न हो)

(III) यदि छात्रा अनुसूचित जाति/जनजाति की है तो उसकी पुष्टि हेतु जिला कलेक्टर/प्रथम श्रेणी के दण्डनायक का प्रमाण-पत्र संलग्न करें।

(IV) खेल आदि में विषेष योग्यता के प्रमाण-पत्र की प्रति संलग्न करे, जिसके आधार पर बोनस अंक प्रतिषत चाहा गया है।

4. विभिन्न कक्षाओं में (जिनके अध्यापन के लिए महाविद्यालय, राजस्थान विश्वविधालय से सम्बद्ध है) प्रवेश के पात्र छात्राओं की योग्यता सूची बनाकर वरीयता क्रम में प्रवेश किये जायेंगे तथा प्रवेश आदि के लिए विश्वविधालय द्वारा निर्धारित नियमों का पूर्ण रूप से पालन किया जायेगा।

5. नियमों में किसी प्रकार का संशोधन होने पर तदनुसार संशोधित नियम लागू होंगे।

6. उन छात्राओं को भी, जो राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की पूरक परीक्षा में बैठने वाले हों, उन्हें आगामी कक्षा में अस्थाई प्रवेश दिया जायेगा। यह प्रवेश छात्रा के स्वयं के उत्तरदायित्व पर होगा। अस्थायी प्रवेश न लेने की स्थिति में परिणाम घोषित होने के बाद उनका नियमित प्रवेश नहीं हो सकेगा। ऐसे प्रवेशार्थीयों की उपस्थिति महाविद्यालय में अध्ययन प्रारम्भ होने की तिथि से गिनी जाएगी। ऐसी छात्रा पूरक परीक्षा परिणाम घोषित होने के 15 दिन के अन्दर-अन्दर अपनी मूल अंकतालिका व उसकी दो प्रमाणित प्रतिलिपियां कार्यालय में जमा करा दें। यदि वे ऐसा नहीं करती है तो उनका प्रवेश प्रथम वर्ष में करना संभव नहीं हो सकेगा।

टिप्पणी:- राजस्थान बोर्ड के अतिरिक्त किसी अन्य बोर्ड से उत्तीर्ण छात्रा (पूरक नहीं) को प्रवेश स्थान रिक्त होने पर ही प्रवेश दिया जा सकेगा।

7. गैर महाविद्यालयी छात्राओं को विश्वविधालय के नियमो के अनुसार तथा स्थान रिक्त रहने पर ही प्रवेश दिया जा सकता है।

8. आवेदन-पत्र पर छात्रा के पिता/संरक्षक के सही हस्ताक्षर होने चाहिए तथा उनका सत्यापन होना चाहिए। प्रत्येक असत्य विवरण का उत्तरदायित्व प्रार्थी का होगा।

9. यदि प्रवेशार्थी आवेदन-पत्र के साथ आवश्यक प्रमाण-पत्र को प्रस्तुत नहीं करता है तो उसे प्राचार्य विषेष स्थिति में अस्थायी प्रवेश दे सकते है। प्रवेशार्थी का स्वयं ही प्रवेष तिथि के पन्द्रह दिन के अन्दर-अन्दर आवश्यक प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर प्रवेश को स्थायी करा लेना होगा। निश्चित समय के बाद भी प्रार्थना पत्र अपूर्ण रहने पर बिना सूचना दिये प्रवेश निरस्त किया जा सकता है। इसे संबंधित विद्यार्थी कृपया नोट कर लें।

10. जिन छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा उन्हें निर्धारित तिथि तक शुल्क जमा करा कर उसकी रसीद, प्रवेश-पत्र एवं पुस्तकालय कार्ड प्राप्त कर लेना चाहिए। निर्धारित तिथि तक प्रवेश शुल्क जमा न होने पर प्रवेश स्वतः ही निरस्त हो जायेगा।

11. किसी भी आवेदक का प्रवेश तब ही पूर्ण माना जाएगा जबकि उसका सक्षम अधिकारी से साक्षात्कार हो गया हो, उसे प्रवेश की स्वीकृति दे दी गयी हो, छात्रा ने सभी आवश्यक मूल प्रमाण-पत्र तथा शुल्क आदि जमा करा दिये हों तथा विश्वविधालय में नामाकंन हो गया हो।

12. प्रवेश हो जाने पर फीस की रसीद प्रस्तुत कर कार्यालय से अपना परिचय पत्र प्राप्त कर लें। इसे महाविद्यालय में सदैव अपने साथ रखना होगा।

13. जब आवेदक को प्रवेश मिल जाता है तो उसे कार्यालय से प्रवेश-पत्र शीघातिशीघ्र प्राप्त कर संबंधित प्राध्यापकों को दिखाकर यथाशीघ्र उनके उपस्थिति रजिस्टर में नाम लिखा लेना चाहिए। प्रत्येक विषय के प्राध्यापकों के रजिस्टर में अपना नाम लिखाने का उत्तरदायित्व स्वयं छात्रा का है। यदि किसी कारण से प्रवेश-पत्र खो जाये तो कार्यालय में पांच रूपयें जमा करवाकर नया प्रवेष-पत्र यथाषीघ्र प्राप्त कर लें। प्राध्यापक के उपस्थिति रजिस्टर में नाम केवल प्रवेश पत्र के आधार पर ही लिखा जाएगा।

14. प्रत्येक विद्यार्थी को प्रत्येक वर्ष प्रवेश-पत्र प्राप्त करते ही महाविद्यालय द्वारा एक अनुक्रमांक दिया जाता है जिसे वह अपने नाम के साथ सत्रान्त तक प्रयोग करेगा। सभी प्रकार के आवेदनों में नाम के साथ महाविद्यालय अनुक्रमांक देना आवश्यक है।

15. विश्वविधालय की परीक्षा में सम्मिलत होने के लिए प्रथम वर्ष की छात्रा को विश्वविधालय में नामाकंन करना आवश्यक है। नामाकंन आवेदन-पत्र समय पर प्रस्तुत करना विश्वविधालय में नामाकंन छात्रा का स्वयं का उत्तर दायित्व है। छात्रा से इस आवेदन का शुल्क प्रवेश के समय ही ले लिया जायेगा। निर्धारित तिथि के पश्चात् नामाकंन के लिए आवेदन करने पर निश्चित विलम्ब शुल्क भी देना होगा।

16. किसी अन्य विश्वविधालय/ बोर्ड से अन्तिम परीक्षा उत्र्तीण करने वाली छात्रा को राजस्थान विश्वविधालय में नामाकंन कराने हेतु आवेदन-पत्र के साथ प्रवजन प्रमाण-पत्र भी लगाना पड़ता है। अतः छात्राओं को चाहिए की अपने अन्तिम विश्वविधालय /बोर्ड से यह प्रमाण-पत्र यथा शीघ्र प्राप्त कर लें। ऐसी छात्राओं का नामाकंन विश्वविधालय द्वारा प्रवजन प्रमाण-पत्र के अभाव में स्वीकार नहीं किया जायेगा। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से अन्तिम परीक्षा उत्र्तीण करने की दशा में प्रवजन प्रमाण-पत्र की आवश्यकता नहीं है।

17. प्रथम वर्ष की छात्राओं द्वारा लिए गए विषयों को प्रवेश के बाद परिवर्तन वि.वि. द्वारा निर्धारित तिथि तक ही (प्रवेश तिथि के 15 दिन बाद) 100/- शुल्क देने पर ही संभव हो सकेगा। निर्धारित तिथि के बाद विषय परिवर्तन संभव नहीं होगा।

18. महाविद्यालय में प्रवेश मिल जाने के बाद यदि किसी विद्यार्थी का आचरण आपत्तिजनक पाया गया, या उसने महाविद्यालय का अनुशासन भंग किया अथवा उसके प्रवेष आवेदन-पत्र में कोई असत्य सूचना पाई गई या उसने महाविद्यालय में नियमों का उल्लंघन किया या अपने पिता/संरक्षक के साथ किसी अन्य व्यक्ति के हस्ताक्षर कराये अथवा स्वयं के हस्ताक्षर किए तो उसका यह कार्य अत्यन्त अवांछनीय होने के कारण दण्डनीय अपराध समझा जाएगा। और उसका प्रवेश तुरन्त रद्द कर दिया जायेगा तथा अगले सत्र में उसका प्रवेश प्राचार्य के विवेक पर निर्भर करेगा।

19. सेवारथ प्रार्थी अपने नियोक्ता अधिकारी का अनुमति पत्र संलग्न करें अन्यथा प्रवेष अवैध समझा जायेगा, जिसके लिए प्रार्थी स्वयं उत्तरदायी होगा।

20. विश्वविधालय एवं काॅलेज शिक्षा निदेषालय से प्राप्त प्रवेश संबंधी नियम आदेश प्राप्ति के साथ ही स्वतः मान्य होंगे।

21. प्राचार्य को किसी भी प्रवेशार्थी का बिना कोई कारण बताये प्रवेश निरस्त करने का अधिकार है।

शुल्क सम्बन्धी नियम

1. पाठन शुल्क पूरे वर्ष का जमा कराना होगा, प्रवेश चाहे सत्र के किसी भी दिन हुआ हो।

2. राजस्थान विश्वविधालय का नामाकंन शुल्क महाविद्यालय में प्रथम प्रवेश पर ही देना होगा। यदि कोई छात्रा राजस्थान विश्वविधालय से सम्बद्ध अन्य महाविद्यालय में रहकर राजस्थान विश्वविधालय में नामांकित हो चुकी है तो उसे शुल्क जमा नहीं कराना होगा। किन्तु इस दशा में छात्रा प्रवेश आवेदन-पत्र अपनी नामाकंन संख्या लिखेगी और मूल प्रमाण पत्र के साथ प्रस्तुत करेगी।

3. किसी अन्य विश्वविधालय/बोर्ड की छात्राओं को पात्रता शुल्क प्रवजन प्रमाण-पत्र के साथ जमा करना होगा।

4. प्रत्येक छात्रा को चाहिए कि महाविद्यालय मे जमा शुल्क की सभी रसीदें जब वह महाविद्यालय में अध्ययन करती है, सुरक्षित रखे।

शुल्क सम्बन्धी विवरण

प्रवेश फार्म शुल्क 100 रू.
  • बी.ए. प्रथम वर्ष
  • 7500 रू.
  • बी.ए. द्वितीय वर्ष
  • 7000 रू.
  • बी.ए. तृतीय वर्ष
  • 7000 रू.
  • बी.काॅम. प्रथम वर्ष
  • 7000 रू.
  • बी.काॅम. द्वितीय वर्ष
  • 7000 रू.
  • बी.काॅम. तृतीय वर्ष
  • 7000 रू.
  • एम.ए. प्रीवियस
  • 11500 रू. (भूगोल)
  • एम.ए. फाईनल
  • 11000 रू. (भूगोल)
  • एम.ए.प्रीवियस
  • राज.विज्ञान, हिन्दी साहित्य, इतिहास
  • 8000 रू.
  • एम.ए. फाईनल
  • राज.विज्ञान, हिन्दी साहित्य, इतिहास
  • 7500 रू.
  • बी.एस.सी. प्रथम वर्ष
  • 11500 रू.

महाविधालय से छात्रा की निवृत्ति:

1. प्रत्येक छात्रा वार्षिक परीक्षा होते ही महाविधालय से निवृत्त हो जाती है और आगामी सत्र के लिए पुनः आवेदन पत्र देने पर उसे प्रवेश मिलता है। यदि कोई छात्रा सत्र के बीच में महाविधालय छोडना चाहे तो उसे लिखित में आवेदन करना होगा।

2. किसी छात्रा का स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र तब ही मिलेगा जबकि उसने सभी शुल्क जमा कराकर पुस्तकालय व अन्य विभागों से बकाया मुक्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया हो।

3. स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र एवं चरित्र प्रमाण-पत्र प्राप्त करने हेतु निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा तथा आवश्यक शुल्क जमा कराना होगा। आवेदन-पत्र कार्यालय में 5 रू. देकर प्राप्त किया जा सकता है।

4. महाविधालय छोडने के पश्चात् तीन वर्ष की अवधि के भीतर रक्षित निधि वापसी नहीं ली जाने की स्थिति में वह जब्त कर जी जायेगी।

उपस्थिति सम्बन्धी नियम:

विश्वविधालय परीक्षा में बैठने हेतु प्रत्येक छात्रा को हर विषय में न्यूनतम 75 प्रतिषत उपस्थिति होना अनिवार्य है। राज्य सरकार तथा काॅलेज शिक्षा निदेशालय द्वारा उपस्थिति के संबंध में कठोरता का पालन करने का निर्देश दिया गया है। कुल व्याख्यानो की संख्या सत्र के प्रारम्भ से ही गिनी जाएगी। चाहे छात्रा ने सत्र में किसी भी दिन प्रवेश लिया हो।

विषय परिवर्तन करने वाली छात्रा इस संदर्भ में सर्तक रहे। प्रत्येक छात्रा का दायित्व है कि वह हर माह के अन्त में संबंधित प्राध्यापक से अपनी उपस्थिति ज्ञात कर ले। उपस्थिति कम होने की दशा में उसे वार्षिक परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया जायेगा।

प्रत्येक सेमेस्टर के अंत अर्थात दशहरा, दीपावली अवकाश, शीतकालीन अवकाश तथा वार्षिक परीक्षा से पूर्व जिन छात्राओं की उपस्थिति वांछित उपस्थिति से कम होगी, उनकी सूचना, सूचना पट्ट पर लगा दी जाएगी।

महाविद्यालय में ही विश्वविधालय परीक्षा केन्द्र:

1. विश्वविधालय द्वारा आयोजित वार्षिक परीक्षाओं का परीक्षा केन्द्र सत्र 2010-11 से महाविद्यालय को आंवटित किया गया है।

2. विश्वविधालय परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए छात्रा को निम्नलिखित शर्ते पूरी करनी होगी:

(a) जिस परीक्षा में छात्रा सम्मिलित हो रही है। उसके लिए उसने विश्वविधालय निर्दिष्ट आवश्यक योग्यता पूरी कर ली है।

(b) उसका विश्वविधालय में नामांकन हो गया है।

(c) उसकी उपस्थिति विश्वविधालय के नियमानुसार पूरी है।

(d) छात्रा ने महाविद्यालय के प्रति सभी प्रकार देयता का भुगतान करके बकाया मुक्ति प्रमाण-पत्र ले लिया है।